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 प्राचार्य की कलम से 

नवीन सत्रारम्भ की इस बेला में माँ सरस्वती के श्री चरणों में नतमस्तक नमस्कार !

प्रिय विद्यार्थियों ,

मई इस शारदा मंदिर के कण कण को , इसके  संस्थापक न्यासियों, को पल पल इसकी  प्रगति के लिए प्रयतनशील प्रबंध समिति के सदस्यों को और इसमें कार्यरत अग्रजो को नमन करता हूँ और अपने समवयस्क तथा अनुज बंधुओं का अभिनन्दन करता हूँ।  प्रातः स्मरणीय पूज्य सेठ स्व श्री परमानन्द जी चूड़ीवाला का रोपा हुआ यह अंकुर आज विशाल  अक्षय  वट के रूप  में सरस्वती के उपासकों की साधना को संरक्षण प्रदान कर रहा  है। 

2022 - 23 में मंडावा कॉलेज, मंडावा परिसर में आपका हार्दिक स्वागत है।  महाविद्यालय की आप धरोहर हैं।  आप अपनी प्रतिभा , योग्यता एवं कौशल के बलबूते पर उत्कृष्ट उपलब्धियां प्राप्त कर महाविद्यालय को गौरवान्वित करेंगे , ऐसी अपेक्षा है। मानव के जीवा में शिक्षा का बहुत महत्त्व होता है।  गीता के चौथे अध्याय  के ९ वे श्लोक में कहा गया  है की - श्रद्धावान लभते ज्ञानं  तत्परः सयणत्तेन्द्रियः ज्ञानमूलब्धवा परम शान्तिम अचिरेन अधिगच्छति। स्वामी विवेकानंद के मत से मानव के अंतर्गत सुप्त प्रतिभाओं  के पूर्ण विकास का नाम ही शिक्षा है। 

इस पथ का उदेश्ये नहीं हैं श्रांत , भवन में टिक रहना। 

किन्तु पहुंचना उस सीमा पर , जिसके आगे रहा नहीं। 

जीवन का चरम विकास उत्तम एवं श्रेष्ठतम ऊंचाइयों की उपलब्धि मानव जीवन यात्रा का परम उदेश्ये है , और इस परम उदेश्ये की प्राप्ति का एक मात्र साधन है - अनुकूल शिक्षा।  अतः शिक्षा का एक लक्ष्य निर्धारित कर लेना प्रतियेक विद्यार्थी के लिए आवश्यक है। 

शिक्षा से संस्कार बनता है , अज्ञान का अंधकार डूब होता है , व्यापक और तार्किक दृष्टिकोण एवं विचारों का निर्माण होता है। मानसिक क्षमता , वृद्धि , विवेक जाग्रत होता है , आत्मबल एवं विश्वास में वृद्धि होती है , जो  छात्रों के भावी एवं सफल सुखी जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। 

अनुशाशन का व्यक्ति में नहीं अपितु समाज तथा राष्ट्र के जीवन में भी बहुत महत्त्व होता होता है।  अनुशाशन प्रिय एवं अनुशाशन बद्ध व्यक्ति ही उन्नति के श्रेष्ठतम स्तर पर पहुँच सकता है तथा अपने व्यक्तित्व का विकास करने में सफल हो सकता है। 

वर्तमान समय बड़ा संकट का समय है न केवल देश बल्कि पूरे विश्व में कोरोना जैसी भयंकर  महामारी ने झकझोर दिया है  

मई विद्यार्थियों से अपील करना चाहूंगा कि वे इससे बचने के लिए सर्कार द्वारा निर्धारित दिशा - निर्देश एवं सावधानियों का पालन करें , ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।  पुलिस प्रसाशन , डॉक्टर , स्वयं सेवक , स्काउट रोवर्स ने इस महामारी के बचाव में महत्वपूर्ण योगदान दिया है , मैं उनका ह्रदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। 

प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष श्रीमान किशोरी लाला सैनी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ।  मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन से ही महाविद्यालय दिन प्रतिदिन विकास के नए आयाम स्थापित  करता रहेगा। 

आप सभी विद्यार्थियों से मेरी अपेक्षा है कि आप अनुशासनबद्ध रहकर अपना अध्ययन पूरा करेंगे एवं महाविद्यालय कि गरिमा व् प्रतिष्ठा को बनाये रखेंगे। 

आपके  उज्जवल भविश्याय कि शुभकामनायें 

 

प्रो. आर. पी. करोड़िया

प्राचार्य